लेखनी प्रतियोगिता -कविता- फर्ज-30-Dec-2022
🚼🚼🚼फर्ज🧑🏫🧑🏫🧑🏫
आज फर्ज शब्द बेमानी हो गया।
पिता ने अपना कर्तव्य निभाया,
मांगने से पहले ही स्कूल में मोबाईल
कॉलेज से पूर्व बाईक दिलाई।
उधार लेकर विदेश पढ़ाया।
मां ने सपने में भी नहीं सोचा
दुलारा वहीं का हो जायेगा।
पापा के कोरोना पर न आने का,
छुट्टी नहीं मिलने का बहाना बनायेगा,
पुत्र का कर्तव्य छोड़ फर्ज़ न निभाना,
आज रिवाज़ नहीं फ़ैशन बना।
पढ़ाई कर वही विदेश में बस जाना,
आज सभी का सिद्धांत बना।
क्या उनके बच्चे नहीं करेंगे अनुसरण,
मां बाप कि सेवा को कैसे जान पाएंगे,
क्या संस्कृति है हमारी क्या जान पाएंगे।
शायद पिता ने कर्तव्य निभा कर गलती की,
बेटे कर्तव्य छोड़ फर्ज़ न निभा पाया,
आज सभी ने रिवाज़ नहीं फ़ैशन बनाया।
पिता ने कर्तव्य निभाया, समय की यही विडंबना,
बेटा तो फर्ज़ तक भी नहीं निभा पाया।
✍️ विजय पोखरणा "यस"
अजमेर
Sachin dev
31-Dec-2022 06:04 PM
Very nice 👌
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VIJAY POKHARNA "यस"
08-Jan-2023 10:37 PM
🙏🙏
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पृथ्वी सिंह बेनीवाल
30-Dec-2022 10:52 PM
बहुत खूब
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VIJAY POKHARNA "यस"
08-Jan-2023 10:37 PM
🙏🙏
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